ट्रंप या बाइडन, अमेरिकी राष्ट्रपति कोई बने, भारत के साथ रिश्ते बेहतर होंगे

व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो या जो बाइडन की एंट्री, भारत के साथ रिश्तों पर कोई अधिक फ़र्क़ नहीं पड़ेगा- ये कहना है विशेषज्ञों का. इसका मुख्य कारण ये है कि डेमोक्रैटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी की भारत के प्रति विदेश नीति में कोई ख़ास अंतर नहीं है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच गर्मजोशी को देखते हुए ये सवाल उठ सकते हैं कि अगर बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति बनें, तो क्या रिश्ते वैसे ही रहेंगे.लेकिन विदेश मंत्रालय में बैठे अधिकारियों और विदेश नीति बनाने वाले विशेषज्ञों के बीच अमेरिका के अगले राष्ट्रपति को लेकर बहुत ज़्यादा चिंता या उत्साह नहीं है.भारतीय विदेश मंत्रालय में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में रुचि ज़रूर है, लेकिन ये जिज्ञासा के स्तर पर अधिक है. मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि चुनाव के बाद सत्ता में कौन आएगा, इसकी ज़्यादा परवाह भारत सरकार को नहीं हैसत्ता बदलने से इस क्षेत्र में हालात नहीं बदलेंगे और इसलिए अमेरिका अपनी प्राथमिकताएँ भी नहीं बदलेगा. हाँ ये ज़रूर है कि ट्रंप और बाइडन की विदेशी नीतियों को अमली जामा पहनाने के तरीक़े अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन उद्देश्य एक ही होगा