प्रदेश

मेरठ में तीन साल के बच्चे ने पेंटिंग में किया ये कारनामा

रिपोर्ट:-राशिद खान

 

छोटी से उम्र में बड़ा करतब कर दिखाने वाले लिटिल पेंटर विराज सक्सेना आज नन्हा पिकासो बन गया।उसको उसके स्कूल में भी सम्मानित किया गया है।नर्सरी में पढ़ने वाले विराज ने नन्हीं सी उम्र में ही अपने मां-बाप और अमेरिकन किड्ज़ का नाम रोशन किया है।

विराज की इस सफलता पर उनको और पूरी अमेरिकन किड्ज़ फैमिली को गर्व है,इसमें पेरेंटस और टीचर्स एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।तीन वर्षीय विराज सक्सेना ने कुछ ऐसा कर दिखाया है,जो कल्पनाओं से परे है।
दरअसल,कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच विराज सक्सेना की मदर प्रियंका सिन्हा ने उसको पेंटिंग की प्रैक्टिस कराई।विराज का हाथ पेंटिंग में जमा तो प्रियंका ने उसकी पेंटिंग्स को इंटरनेट पर डालना शुरू कर दिया।जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत में जगह-जगह से कला प्रतियोगिता के आयोजकों का उन पर फोन आने लगा।

प्रियंका बताती हैं कि विराज को पहला अवार्ड जुलाई में विश्वकर्मा आर्ट इंटरनेशनल दिल्ली ने दिया।तब विराज की उम्र केवल दो साल दस महीने ही थी।इसके बाद विराज का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ जहां उसको लिटिल वर्सेटाइल पेंटर का खिताब मिला।विराज की बुलंदियों का सिलसिला शुरू हुआ तो फिर चल निकला।इसके बाद विराज का चयन इंडियन बुक रिकॉर्ड और फिर एशिया बुक रिकॉर्ड में हुआ और यहां उनको ग्रैंड मास्टर का खिताब दिया गया।प्रियंका बताती हैं कि पिछले दिनों विराज को कलमस वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए चुना गया,जिसके लिए 27 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनको पुरस्कृत किया।

प्रियंका बताती हैं कि जब विराज एक साल का था,उसी समय से वह कलर में इंटरेस्ट दिखाने लगा था।थोड़ा और बड़ा हुआ तो उल्टी सीधी पेंटिंग भी बनाने लगा।उन्होंने बताया कि जैसे ही वह दो साल हुआ तो नन्हीं उंगलियों में कल और ब्रश थामने लगा।विराज ने पहली पेंटिंग तब बनाई जब वह दो साल सात महीने का था।प्रियंका ने बताया कि विराज के पिता नवनीत सक्सेना और उनके ससुर पुरुषत्तोम का भी विराज को पूरा सपोर्ट मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *