मुज्जफरनगर में सदर ब्लॉक के गांव का ये पंचायती भवन खोल रहा है विकास की पोल, 10 साल से इसी हालात में है ये भवन

रिपोर्ट:-संजीव कुमार
मुज़फ्फरनगर।सरकार द्धारा देशवासियो के लिए कल्याणकारी योजनाए चला रखी है।विकास चाहे शहरी हो या फिर ग्रामीण,सड़के हो या फिर सरकारी भवन की ईमारत। इन सभी के लिए अलग अलग विभागों की मदो से पैसा खर्च होता है। लेकिन ये सभी सरकारी योजनाए और विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए है।जमीनी तौर पर नहीं कागजो तक ही सिमित रह गयी है सरकारी योजनाए।
मुज़फ्फरनगर के सदर ब्लॉक के गाँव पचेंडा खुर्द का यह जर्जर हालत में हुआ यह भवन किसी गरीब का नहीं बल्कि ग्राम पंचायत का है जो की पिछले दस वर्षो से अपने विकास की बात जोह रहा है। भवन की दीवारों में दरार, गड्ढे और लटकी हुई कच्ची छत गाँव के जिम्मेदार ग्राम प्रधान और सचिव के उन विकास कार्यो का ब्यौरा दे रही है जो कभी विकास के कार्य किये ही नहीं गए। ग्रामीणों में पंचायत घर ही नहीं बल्कि गाँव के विकास न किये जाने को लेकर ग्रामीणों में रोष है। वंही ग्रामीणों का कहना है की गाँव पचेंडा में दो योजनाए खत्म हो गयी लेकिन पिछले दस वर्षो में गाँव में कोई भी विकास कार्य प्रधान या सचिव द्धारा नहीं कराया गया। सभी लोग सरकारी योजनाओ का पैसा खुद का विकास करने में लगा रहे है। जिसका जीतरा जगता साबुत ग्राम भवन है। इस भवन की अनेको बार पैमाईश तो की गयी लेकिन कभी भी इस भवन की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है।